Sunday, August 4, 2013

नयन झुके तो सर झुके, नयन झुकाना छोड़ ..........




नैन कहो नैना कहो नयन कहो या आँख
प्रेम पपीहे को मिली, सदा इन्हीं से पाँख

नयन उठा कर देखिये, पहले घर का हाल
फिर महफ़िल में आइये करके चौड़ी चाल

नयन झुके तो सर झुके, नयन झुकाना छोड़
नयन उठाना सीखले, कर दुनिया से होड़

नयन मिले तो मन मिले, नयन हैं मन के दूत
मन यदि मोती बन गये, नयन बनेंगे सूत

नयन तेरे रण बाँकुरे, करते ख़ूब शिकार
औरों की तो क्या कहूँ, मुझको डाला मार

नयनबाण मत मारिये, मर जायेंगे लोग
शगल तुम्हारा न बने, घर-आँगन का सोग

मैंने ऐसे कर दिया, निज नयनों का दान
जैसे पूरा कर लिया,  जीवन का अरमान 


जय हिन्द 
 - अलबेला खत्री 



 

No comments:

Post a Comment

NARENDRA MODI AAYENGE
HINDUSTAN BACHAYENGE